काव्य पल्लव

जीवन के आपाधापी से कुछ समय निकाल कर कल्पना के मुक्त आकाश में विचरण करते हुए कुछ क्षण समर्पित काव्य संसार को। यहाँ पढें प्रसिद्ध हिन्दी काव्य रचनाऐं एवं साथ में हम नव रचनाकारों का कुछ टूटा-फूटा प्रयास भी।
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Thursday 19 April 2012

गाँव की भोर

भोर की बेला
खिड़की से छन छन कर आती धूप
चिड़ियों की वो चहचाहट
गलियों में बच्चों का शोर
आज अरसे बाद
जब जल्दी उठा तो जाना
गाँव की सुबह आज भी उतनी ही खूबसूरत है!!

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