काव्य पल्लव
जीवन के आपाधापी से कुछ समय निकाल कर कल्पना के मुक्त आकाश में विचरण करते हुए कुछ क्षण समर्पित काव्य संसार को। यहाँ पढें प्रसिद्ध हिन्दी काव्य रचनाऐं एवं साथ में हम नव रचनाकारों का कुछ टूटा-फूटा प्रयास भी।
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गाँव की भोर
भोर की बेला
खिड़की से छन छन कर आती धूप
चिड़ियों की वो चहचाहट
गलियों में बच्चों का शोर
आज अरसे बाद
जब जल्दी उठा तो जाना
गाँव की सुबह आज भी उतनी ही खूबसूरत है!!
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