काव्य पल्लव

जीवन के आपाधापी से कुछ समय निकाल कर कल्पना के मुक्त आकाश में विचरण करते हुए कुछ क्षण समर्पित काव्य संसार को। यहाँ पढें प्रसिद्ध हिन्दी काव्य रचनाऐं एवं साथ में हम नव रचनाकारों का कुछ टूटा-फूटा प्रयास भी।
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Friday 22 August 2008

फिर क्या होगा उसके बाद- बालकृष्ण राव

- बालकृष्ण राव
'फिर क्या होगा उसके बाद?'
उत्सुक होकर शिशु ने पूछा,
' माँ, क्या होगा उसके बाद?
'रवि से उज्जवल, शशि से सुंदर,
नव-किसलय दल से कोमलतर।
वधू तुम्हारे घर आएगी,
उस विवाह उत्सव के बाद,
पलभर मुख पर स्मित की रेखा,
खेल गई, फिर माँ ने देखा,
वधू तुम्हारे घर आएगी,
उस विवाह उत्सव के बाद
फिर नभ से नक्षत्र मनोहर,
स्वर्ग -लोक से उतर- उतर कर,
तेरे शिशु बनने को,
मेरे घर आएँगे उसके बाद,
मेरे नए खिलौने लेकर,
चले ना जाएँ वे अपने घर,
चिंतित होकर फिर शिशु ने पूचा,
माँ क्या होगा उसके बाद?
अब माँ का जी ऊब चुका था
हर्ष-श्रांति में डूब चुका था,
बोली, "फिर मैं बूढ़ी होकर मर जाऊँगी उसके बाद"
ये सुन कर भर आए लोचन,
किंतु पोंछकर उन्हें उसी क्षण,
सहज कुतूहल से फिर शिशु ने पूछा,
"माँ, क्या होगा उसके बाद"
कवि को बालक ने सिखलाया
सुख-दुख है पलभर की माया है,
है अनंत का तत्त्व प्रश्न यह,
"फिर क्या होगा उसके बाद?"
-बालकृष्ण राव

2 comments:

करण समस्तीपुरी said...

sundar ! ati sundar !!
satyam shivam sundaram !!!

कुन्दन कुमार मल्लिक said...

काव्य पल्लव के पहले भ्रमर "युनि कवि" "करण समस्तीपुरीजी" को आभार एवं धन्यवाद।
सस्नेह- कुन्दन कुमार मल्लिक