tag:blogger.com,1999:blog-2299384342413011536.post627826933691186196..comments2023-05-06T17:00:18.722+05:30Comments on काव्य पल्लव: कामायनी- नवम सर्ग- इड़ा (जयशंकर प्रसाद)कुन्दन कुमार मल्लिकhttp://www.blogger.com/profile/03699865603391260097noreply@blogger.comBlogger2125tag:blogger.com,1999:blog-2299384342413011536.post-17038931901280381732008-08-25T18:09:00.000+05:302008-08-25T18:09:00.000+05:30शोभाजी,उत्साहवर्द्धन के लिए सादर धन्यवाद। इसका लज्...शोभाजी,<BR/>उत्साहवर्द्धन के लिए सादर धन्यवाद। इसका लज्जा पर्व पहले ही संकलित कर दिया गया है। ब्लॉग के दाँये भाग में विषय-सूची में प्रत्येक पर्व का लिंक बना दिया गया है। वैसे लज्जा पर्व के लिए यहाँ क्लिक करें- <A HREF="http://kundan-kavya.blogspot.com/2008/08/blog-post_6582.html" REL="nofollow"><STRONG>"लज्जा सर्ग"</STRONG></A>।<BR/>धन्यवाद-<BR/><STRONG>कुन्दन कुमार मल्लिक</STRONG>कुन्दन कुमार मल्लिकhttps://www.blogger.com/profile/03699865603391260097noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2299384342413011536.post-47954426670990351872008-08-25T17:49:00.000+05:302008-08-25T17:49:00.000+05:30कुन्दन जीप्रसाद और कामायनी मेरे प्रिय हैं । आपने उ...कुन्दन जी<BR/>प्रसाद और कामायनी मेरे प्रिय हैं । आपने उनके काव्य से परिचित कराया आभार। मुझे इसका लज्जा पर्व बहुत अच्छा लगता है। कभी उसको भी यहाँ पाठकों के लिए प्रकाशित करें। सस्नेहशोभाhttps://www.blogger.com/profile/01880609153671810492noreply@blogger.com